News

श्री हनुमान जी विचार
श्री हनुमान जी विचार 🔥 1. भक्ति में शक्ति है "राम काज कीन्हें बिना मोहि कहाँ विश्राम।"हनुमान जी की भक्ति केवल भावना नहीं, कार्य में परिणत होती है।👉 सीख: सच्ची...
श्री हनुमान जी विचार
श्री हनुमान जी विचार 🔥 1. भक्ति में शक्ति है "राम काज कीन्हें बिना मोहि कहाँ विश्राम।"हनुमान जी की भक्ति केवल भावना नहीं, कार्य में परिणत होती है।👉 सीख: सच्ची...

हनुमान योग सूत्र विशेष आध्यात्मिक अभ्यास
हनुमान योग सूत्र एक विशेष आध्यात्मिक अभ्यास प्रणाली हो सकती है जो हनुमान जी के बल, भक्ति, ध्यान और संयम से प्रेरित है। बल सूत्र – शारीरिक और मानसिक शक्ति...
हनुमान योग सूत्र विशेष आध्यात्मिक अभ्यास
हनुमान योग सूत्र एक विशेष आध्यात्मिक अभ्यास प्रणाली हो सकती है जो हनुमान जी के बल, भक्ति, ध्यान और संयम से प्रेरित है। बल सूत्र – शारीरिक और मानसिक शक्ति...

हनुमान योग सूत्र विचार
हनुमान योग सूत्र विचार(संक्षिप्त आध्यात्मिक एवं योगिक विश्लेषण) १. "श्रीराम दूतम्" – समर्पण योगहनुमान जी के संपूर्ण जीवन का मूल है सेवा और समर्पण।👉 यह सूत्र बताता है कि योग...
हनुमान योग सूत्र विचार
हनुमान योग सूत्र विचार(संक्षिप्त आध्यात्मिक एवं योगिक विश्लेषण) १. "श्रीराम दूतम्" – समर्पण योगहनुमान जी के संपूर्ण जीवन का मूल है सेवा और समर्पण।👉 यह सूत्र बताता है कि योग...

हनुमान योग सूत्र
🕉️ हनुमान योग सूत्र 🕉️ 1. भक्ति योग:“रामकाज करिबे को आतुर।”👉 परम भक्ति ही सबसे बड़ा योग है। हनुमान जी का समर्पण श्रीराम के प्रति पूर्णतया निष्कलंक था। 2. कर्म...
हनुमान योग सूत्र
🕉️ हनुमान योग सूत्र 🕉️ 1. भक्ति योग:“रामकाज करिबे को आतुर।”👉 परम भक्ति ही सबसे बड़ा योग है। हनुमान जी का समर्पण श्रीराम के प्रति पूर्णतया निष्कलंक था। 2. कर्म...

हनुमान योग सूत्र विचार
"हनुमान योग सूत्र विचार" जो योग, भक्ति और आत्मबल के संगम पर आधारित "चित्त की स्थिरता, प्राण की शक्ति और भक्ति की गहराई—इन तीनों का मेल ही 'हनुमान योग' है।जहाँ...
हनुमान योग सूत्र विचार
"हनुमान योग सूत्र विचार" जो योग, भक्ति और आत्मबल के संगम पर आधारित "चित्त की स्थिरता, प्राण की शक्ति और भक्ति की गहराई—इन तीनों का मेल ही 'हनुमान योग' है।जहाँ...

स्थिर मन, संतुलित तन
"स्थिर मन, संतुलित तन – यही है योग का सच्चा धन।जब तुम प्रकृति की गोद में स्वयं से मिलते हो,तब संसार की हलचल भी मौन हो जाती है।एक पैर...
स्थिर मन, संतुलित तन
"स्थिर मन, संतुलित तन – यही है योग का सच्चा धन।जब तुम प्रकृति की गोद में स्वयं से मिलते हो,तब संसार की हलचल भी मौन हो जाती है।एक पैर...