“हनुमान योग सूत्र”
भक्ति सूत्र – १
विषय : भक्ति की परिभाषा
सूत्र
“भक्तिर्नाम परं प्रेम भगवति समर्पणम्।”
(भक्ति का अर्थ है—परम प्रेम, जो भगवान को पूर्ण समर्पण के साथ अर्पित हो।)
व्याख्या
भक्ति केवल पूजा या पाठ नहीं है।
यह वह भाव है जहाँ मन, वचन और कर्म—सब कुछ प्रभु को समर्पित हो जाते हैं।
जिस क्षण अहंकार मिटता है और प्रेम ही शेष रह जाता है, वही सच्ची भक्ति है।
साधना संकेत
आज सुबह कुछ क्षण मौन होकर मन ही मन कहें —
“हे हनुमान, मेरा मन, मेरी शक्ति और मेरा जीवन तुम्हें समर्पित है।”
यही आपका भक्ति-स्मरण बने।
मंत्र - ॐ हं हनुमते नमः
ऊं बागेश्वराय नमः
“संकट से हनुमान छुड़ावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥” (हनुमान चालीसा)
दैनिक संकल्प-वाक्य
“आज मैं अपना हर कार्य हनुमान जी को समर्पित भाव से करूँगा।”
जय गुरुदेव जय बागेश्वर धाम
डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य
बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य
हिमालयन योग
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