जहां प्रभु श्री राम का स्मरण है वहीं हनुमान जी

जहां प्रभु श्री राम का स्मरण है वहीं हनुमान जी

आज का श्री हनुमान योगसूत्र

“जहाँ राम का स्मरण है, वहीं हनुमान की उपस्थिति है — और यही योग का परम रहस्य है।”

साधक हेतु विचार

  1. रामस्मरण ही ध्यान है — मन को बार-बार रामनाम की ओर मोड़ना।
  2. हनुमान = योग का सेतु — वे स्मरण और साधना के बीच पुल हैं।
  3. निरंतर संगति — रामस्मरण करते-करते साधक का मन हनुमान के बल और भक्ति से भर जाता है।

संदेश :
“हनुमान योग का सार यही है — राम का स्मरण, हनुमान की संगति, और साधक की शुद्ध भक्ति।”

डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य 

बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य 

हिमालयन योग 

www.himyoga.org

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