आज का श्री हनुमान योगसूत्र
“जहाँ राम का स्मरण है, वहीं हनुमान की उपस्थिति है — और यही योग का परम रहस्य है।”
साधक हेतु विचार
- रामस्मरण ही ध्यान है — मन को बार-बार रामनाम की ओर मोड़ना।
- हनुमान = योग का सेतु — वे स्मरण और साधना के बीच पुल हैं।
- निरंतर संगति — रामस्मरण करते-करते साधक का मन हनुमान के बल और भक्ति से भर जाता है।
संदेश :
“हनुमान योग का सार यही है — राम का स्मरण, हनुमान की संगति, और साधक की शुद्ध भक्ति।”
डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य
बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य
हिमालयन योग
www.himyoga.org