यदि शब्दों में सादगी, और लहजे में सौम्यता हो, तो यकीन मानिए सम्मान और शुभचिंतकों की कमी नहीं होती ।

यदि शब्दों में सादगी, और लहजे में सौम्यता हो, तो यकीन मानिए सम्मान और शुभचिंतकों की कमी नहीं होती ।

यदि शब्दों में सादगी, और लहजे में सौम्यता हो, तो यकीन मानिए सम्मान और शुभचिंतकों की कमी नहीं होती ।

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