“जहाँ नाम-स्मरण है, वहीं हनुमान का सान्निध्य है; और जहाँ हनुमान हैं, वहाँ भय और बाधा का प्रवेश नहीं।”
साधक हेतु संकेत
- साधना का सार है — नाम-स्मरण को जीवन का अभिन्न अंग बनाना।
- हनुमान स्मरण से आत्मबल, निर्भयता और सेवाभाव जाग्रत होता है।
- योगी के लिए हनुमान जी केवल आराध्य ही नहीं, वरन् मार्गदर्शक शक्ति हैं।
डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य
बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य
हिमालयन योग
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