गुरु की छाया में ही शिष्य को अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन होता है।

गुरु की छाया में ही शिष्य को अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन होता है।

गुरु की छाया में ही शिष्य को अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन होता है।... डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य

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