हनुमान जी को कैसे पाएं

हनुमान जी को कैसे पाएं

“हनुमान जी को कैसे पाएं?”


अर्थात् – केवल उनकी मूर्ति या नाम नहीं, बल्कि उनकी वास्तविक उपस्थिति, कृपा और दर्शन कैसे प्राप्त हों।

हनुमान जी तक पहुँचने के मार्ग को हम ५ सूत्रों में समझ सकते हैं 

१. भक्ति का मार्ग (श्रद्धा और प्रेम)

हनुमान जी को अखंड रामभक्त कहा गया है।

इसलिए उनकी कृपा पाने का पहला सूत्र है – श्रीराम में भक्ति।

जो राम का है, वही हनुमान का है।

नित्य राम नाम जप, सुंदरकांड का पाठ, और रामचरितमानस श्रवण करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

२. साधना और मंत्र जप

उनका मुख्य मंत्र है –
“ॐ हनुमते नमः”

गहन साधक “ॐ श्री हनुमते रामदूताय नमः” का जप कर सकते हैं।

मंगलवार और शनिवार को ११, २१, या १०८ बार जप से धीरे-धीरे उनकी उपस्थिति का अनुभव होने लगता है।

३. सेवा और दया

हनुमान जी सेवा का प्रतीक हैं।

गौ सेवा, गुरु सेवा, साधु सेवा, और जरूरतमंदों की मदद – इनसे उनका हृदय प्रसन्न होता है।

“सेवा ही सच्ची साधना है” – इस भाव से कार्य करने पर वे भीतर ही भीतर प्रकट होते हैं।

४. वैराग्य और संयम

हनुमान जी ब्रह्मचारी और निरहंकारी हैं।

मन, इंद्रियों और वासनाओं पर संयम लाना – यह उनकी कृपा पाने की कुंजी है।

जितना साधक शुद्ध और निस्वार्थ होगा, उतनी जल्दी हनुमान जी का साक्षात्कार संभव है।

५. ध्यान और आह्वान

शांत मन से बैठकर हनुमान जी की छवि का ध्यान करें – गदा, लाल वस्त्र, बलवान स्वरूप।

हृदय में उनके चरणों की कल्पना कर बार-बार आह्वान करें।

धीरे-धीरे ध्यान में उनकी शक्ति, स्पंदन और उपस्थिति का अनुभव होने लगता है।

सार :
हनुमान जी को पाने का मार्ग है –
 रामभक्ति + मंत्र-जप + सेवा + संयम + ध्यान।
जब साधक निस्वार्थ भाव से निरंतर इनका अभ्यास करता है, तब हनुमान जी स्वयं अपने भक्त के हृदय में प्रकट होकर मार्गदर्शन देते हैं।

डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य 
बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य 
हिमालयन योग के संस्थापक 
www.himyoga.org

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