छूट गया वह सपना था,जो मिला वही खजाना है।जीवन जीने का यही राज़,जिसने अपनाया — उसने ही सुख पाया है। डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य हिमालयन योगा www.himyoga.org