आज का विचार - श्री हनुमान योग सूत्र से

आज का विचार - श्री हनुमान योग सूत्र से

आज का विचार – श्री हनुमान योग सूत्र से

"भक्ति और शक्ति का संतुलन ही योग का सार है।"

हनुमान जी केवल भक्ति-रूप नहीं हैं, वे शक्ति, बुद्धि, सेवा और आत्मनियंत्रण के प्रतीक भी हैं।
योग का वास्तविक उद्देश्य भी यही है —

  • अहंकार का लय (भक्ति),
  • साहस का उदय (शक्ति),
  • सत्य का मार्गदर्शन (ज्ञान),
  • और परहित की वृत्ति (सेवा)।

जब साधक अपने भीतर इन चारों तत्वों को जाग्रत करता है, तब वह हनुमान योग के मार्ग पर चलता है।
यह मार्ग केवल ध्यान या आसन भर नहीं है, बल्कि—
जीवन को वीरता, सरलता और समर्पण के साथ जीने की कला है।“हनुमान योग हमें सिखाता है — भक्ति से नम्रता लो, शक्ति से साहस लो, ज्ञान से दिशा लो, और सेवा से जीवन को पूर्ण करो।”


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