श्री हनुमान योग सूत्र के अन्य आसन

श्री हनुमान योग सूत्र के अन्य आसन


🔱 श्री हनुमान योग सूत्र – अन्य आसन

. द्वीपलङ्घनासन

  • भाव: लंका-द्वीप पर छलाँग।

  • विधि: खड़े होकर दोनों हाथ सामने फैलाएँ, फिर हल्के उछाल के साथ आगे बढ़ें।

  • लाभ: पैरों की शक्ति, संतुलन।

  • भावार्थ: बाधाओं को पार करने का साहस।

. गदाधारणासन

  • भाव: हनुमान जी का गदा-धारण।

  • विधि: खड़े होकर दाएँ हाथ से अदृश्य गदा को पकड़ें, उसे कंधे पर रखें।

  • लाभ: कंधे और बाजू की ताकत।

  • भावार्थ: धर्म-रक्षा का संकल्प।

. अशोकवन-लीलासन

  • भाव: अशोक वाटिका में सीता माता को दर्शन।

  • विधि: वज्रासन में बैठकर हाथ जोड़ें और हल्का झुकें।

  • लाभ: विनम्रता, ध्यान और हृदय की करुणा।

  • भावार्थ: शरणागत रक्षा और नम्रता।

. अग्नि-प्रदक्षिणासन

  • भाव: लंका-दहन।

  • विधि: खड़े होकर अग्नि के चारों ओर प्रदक्षिणा की कल्पना करें और धीरे-धीरे चलें।

  • लाभ: शरीर की लचक और मन का साहस।

  • भावार्थ: दुष्टता का दहन और धर्म की विजय।

. सुमेरु-धारणासन

  • भाव: संजीवनी पर्वत उठाना।

  • विधि: पैरों को फैलाकर खड़े हों, दोनों हाथ ऊपर उठाएँ और मानो भारी पर्वत को थामे हों।

  • लाभ: पीठ, कंधे और बाजुओं की शक्ति।

  • भावार्थ: जीवनरक्षक करुणा और दैवी सामर्थ्य।

. पुष्पाञ्जलि-हनुमानासन

  • भाव: प्रभु को फूल अर्पित करना।

  • विधि: पद्मासन में बैठकर हाथों में अंजलि मुद्रा बनाकर हृदय के सामने रखें।

  • लाभ: मन की एकाग्रता, भक्ति में स्थिरता।

  • भावार्थ: शुद्ध भाव से अर्पण।

डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य 

हिमालयन योगा 

www.himyoga.org

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