हनुमान जी योग साधना क्रम

हनुमान जी योग साधना क्रम

 

हनुमानजी योग साधना क्रम

1. मंगलाचरण (3 मिनट)

बैठकर शांति से यह मंत्र पढ़ें या जपें:

ॐ हं हनुमते नमः।

या

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥

→ मन एकाग्र करें। हनुमान जी का ध्यान करें — बाल रूप, वीर रूप या ध्यानस्थ रूप।


2. प्राणायाम (5 मिनट)

शुद्धिकरण और ऊर्जा जागरण:

  • अनुलोम-विलोम (3 मिनट) — मन स्थिर होगा।
  • भस्त्रिका (1 मिनट) — शक्ति जागरण।
  • भ्रामरी (1 मिनट) — आंतरिक शांति।

3. हनुमान प्रेरित आसन (15 मिनट)

आसन नाम भावना
ताड़ासन हनुमान जी की लंबी काया और दृढ़ता
वीरभद्रासन वीरता और साहस
वज्रासन अडिग भक्ति
हनुमानासन (यदि संभव हो) समर्पण और साहस (यह विभीषण से मिलने जाते समय का प्रतीक है)
भुजंगासन ऊर्जा जागरण
बालासन नम्रता और शरणागत भाव
शवासन पूर्ण समर्पण और शांति

→ हर आसन को 1–2 मिनट तक करें, सांस पर ध्यान रखें।


4. ध्यान और मंत्र साधना (5 मिनट)

मन में या जप माला से:

  • राम रामेति रामेति…
  • या हनुमान चालीसा का एक पाठ (यदि समय हो)

→ हनुमान जी के हृदय में स्थित श्रीराम का ध्यान करें।


5. समर्पण प्रार्थना (2 मिनट)

कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा, बुद्ध्यात्मना वा प्रकृते: स्वभावात्।
करोमि यद्यत् सकलं परस्मै, श्रीरामदूताय समर्पयामि॥

→ अपने साधना के फल को हनुमान जी को अर्पित करें।


सप्ताह का विशेष क्रम (वैकल्पिक)

दिन भाव केंद्र बिंदु
सोमवार शुद्धता गंगाजल स्नान + ध्यान
मंगलवार शक्ति वीरासन, हनुमान चालीसा
बुधवार विवेक ध्यान और स्वाध्याय
गुरुवार भक्ति मंत्र जप
शुक्रवार सेवा परोपकार का कार्य
शनिवार समर्पण पूर्ण मौन साधना
रविवार ध्यान लंबा ध्यान सत्र

सुझाव:

  • साधना का प्रारंभ और अंत श्रीराम या गुरु ध्यान से करें।
  • हनुमान जी को एक सच्चे साधक, योगी और सेवक के रूप में देखें।
  • इस क्रम को श्रद्धा से नियमित करें — धीरे-धीरे चमत्कारिक अनुभव होंगे।

डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य 

हिमालयन योगा 

www.himyoga.org

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