श्री हनुमान जी योग साधना

श्री हनुमान जी योग साधना

श्री हनुमान जी योग साधना
– शक्ति, भक्ति और समर्पण का दिव्य संगम –

श्री हनुमान जी न केवल भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं, बल्कि वे योग के आदर्श भी हैं। उनकी साधना के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का पूर्ण संतुलन प्राप्त किया जा सकता है। यह साधना राजयोग, कर्मयोग, भक्ति योग और बलयोग का समन्वय है।


🧘♂️ हनुमान योग साधना के 5 अंग

1. आसन (शरीरबल और स्थिरता के लिए)

हनुमान जी की शक्ति और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए:

  • वीरासन – वीरता व आत्मबल जागृत करता है
  • अंजनेयासन – हनुमान जी के नाम पर आधारित, यह कमर और मन को मजबूत करता है
  • बलासन (बाल मुद्रा) – समर्पण और विश्राम का प्रतीक
  • ताड़ासन – ऊर्जावान शरीर व ध्यान की तैयारी
  • वज्रासन – पाचन और स्थिरता में लाभकारी

👉 5-7 मिनट के लिए प्रत्येक आसन करें


2. प्राणायाम (प्राणशक्ति जागरण हेतु)

हनुमान जी वायु पुत्र हैं – वायु तत्व पर उनकी पूर्ण सिद्धि है। इसलिए:

  • नाड़ी शोधन प्राणायाम
  • भस्त्रिका – बल और ऊर्जावान मन
  • कपालभाति – चित्त की शुद्धि
  • भ्रामरी – ध्यान के लिए शांत चित्त

👉 10-15 मिनट नियमित अभ्यास करें


3. मंत्र साधना (ध्वनि और चेतना जागरण)

हनुमान जी के बीजमंत्र और शक्तिमंत्र:

  • "ॐ हं हनुमते नमः" – बल और सुरक्षा
  • "ॐ रामदूताय नमः" – सेवा और समर्पण
  • हनुमान चालीसा – दैनिक पाठ
  • हनुमान गायत्री मंत्र:

    “ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमान: प्रचोदयात्॥”

👉 108 बार जप करें या 11 बार गूढ़ ध्यान से करें


4. ध्यान (हनुमत-चेतना से जुड़ाव)

हनुमान जी का ध्यान –

  • ह्रदय में बैठे हुए, श्रीराम का जाप करते हुए, गदा लिए हुए
  • ध्यान में उनका तेज, बल, विनय और समर्पण भाव लाएँ

ध्यान मंत्र:
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
रामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

👉 5-10 मिनट मौन ध्यान करें


5. नैतिक साधना (आचरण और आत्मसंयम)

हनुमान जी की योग साधना केवल शरीर तक सीमित नहीं — वह जीवन के प्रत्येक क्षण में अभिव्यक्त होती है:

  • सेवा भावना
  • निरहंकारिता
  • ब्रह्मचर्य पालन
  • सत्य, अहिंसा और नम्रता

🌟 विशेष योग साधना क्रम (Hanuman Yoga Flow)

  1. प्रणाम मुद्रा – संकल्प
  2. ताड़ासन – जागरण
  3. वीरभद्रासन – साहस
  4. अंजनेयासन – समर्पण
  5. वज्रासन – स्थिरता
  6. भस्त्रिका प्राणायाम – ऊर्जा
  7. मंत्र जप – चेतना
  8. ध्यान – लय
  9. समर्पण प्रार्थना – आराधना

डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य 

बागेश्वर धाम सरकार के शिष्य 

हिमालयन‌ योगा 

www.himyoga.org

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