🕉️ हनुमान योग सूत्र 🕉️
1. भक्ति योग:
“रामकाज करिबे को आतुर।”
👉 परम भक्ति ही सबसे बड़ा योग है। हनुमान जी का समर्पण श्रीराम के प्रति पूर्णतया निष्कलंक था।
2. कर्म योग:
“श्रीराम के लिए किया गया प्रत्येक कार्य योग है।”
👉 निष्काम कर्म, बिना फल की चिंता के, सर्वोच्च योग का रूप है।
3. ध्यान योग:
“मन, वचन और कर्म से केवल प्रभु का ध्यान।”
👉 हनुमान जी का हर क्षण ‘राम’ नाम में लीन था – यही सच्चा ध्यान है।
4. बल और संयम:
👉 हनुमान जी असीम बल के स्वामी थे, फिर भी संयमित, शुद्ध, और विनम्र रहे। योग शक्ति का नहीं, संयम का नाम है।
5. आत्मसमर्पण योग:
“राम के प्रति पूर्ण आत्मसमर्पण ही मोक्ष का द्वार है।”
👉 अहंकार का विसर्जन ही वास्तविक योग है।
6. सेवा योग:
👉 प्रभु की सेवा ही योग है। हनुमान जी सच्चे सेवक,
🪔 हनुमान जी से योग की शिक्षा 🪔
योग केवल आसन नहीं, जीवन का अनुशासन है।
भक्ति, सेवा, त्याग, शक्ति और निष्ठा — ये पंच तत्व हनुमान योग के आधार हैं।
जब जीवन में कोई मार्ग न सूझे, तो "राम का नाम" ही सर्वोच्च साधना है।
डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य
हिमालयन योगा
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