"हनुमान योग सूत्र विचार"
जो योग, भक्ति और आत्मबल के संगम पर आधारित
"चित्त की स्थिरता, प्राण की शक्ति और भक्ति की गहराई—इन तीनों का मेल ही 'हनुमान योग' है।
जहाँ अहंकार नहीं, केवल सेवा है; जहाँ भय नहीं, केवल बल है;
और जहाँ लक्ष्य केवल राम है—वही सच्चा योग है।"
- चित्त वृत्ति निरोधः — योग का लक्ष्य मन को स्थिर करना है।
- हनुमान जी आदर्श योगी हैं — जिनका मन राम में स्थिर, प्राण वायु में जाग्रत, और कर्म सेवा में समर्पित है
"हनुमान योग वही है जहाँ शक्ति सेवा में बदलती है और भक्ति समर्पण में।"
डॉ संजीव शर्मा योगाचार्य
हिमालयन योगा
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