इन्सान की सबसे बड़ी कमी है जो विपरीत परिस्थिति मे निराश हो जाते है, किसी भी स्थिति मे निराश नही होना चाहिए।
इस मनुष्य जीवन मे हम फैल हो जाऐ हम हार जाऐ हम घाटे मे है हम विपत्ति मे है ये सब बने नही रहते है क्योकी शाम होकर रात होती है तो भौर होकर सवेरा भी होता है।