*भोजन का त्याग करने से ईश्वर कभी खुश नहीं होते अगर त्याग ही करना है तो गंदे विचार अहंकार और गंदे कर्मों का कीजिए।* *और जितना हो सके उतना खामोश रहिऐ क्योंकि सबसे ज्यादा गुनाह इंसान से उसकी जुबान ही करवाती है।